"बैंक कर्ज़ के बोझ तले दबे परिवार ने खाया ज़हर — पत्नी-बेटी संग कारोबारी ने ली जान"

 स्थान: लखनऊ, उत्तर प्रदेश

तारीख: रविवार रात, 30 जून 2025

लखनऊ के कपड़ा कारोबारी शशिभूषण (45 वर्ष) ने कर्ज के भारी दबाव से परेशान होकर पत्नी शुचिता (42 वर्ष) और 16 वर्षीय बेटी ख्याति के साथ ज़हर खाकर आत्महत्या कर ली। सोमवार सुबह जब घर का दरवाज़ा नहीं खुला तो पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। दरवाजा तोड़कर पुलिस अंदर दाखिल हुई तो तीनों के शव कमरे में पड़े मिले।

मुख्य कारण:
शशिभूषण पर बैंकों से लिया गया लोन चुकाने का दबाव था। आत्महत्या से पहले छोड़े गए सुसाइड नोट में लिखा था कि “अब कोई रास्ता नहीं बचा। बैंक वाले बार-बार आकर धमकाते हैं, मानसिक शांति छीन ली है।”

घटनास्थल पर मिले साक्ष्य:

  • कमरे में कोल्ड ड्रिंक की बोतल में ज़हर मिला

  • दरवाज़ा अंदर से बंद था

  • तीनों के शव एक ही कमरे में पाए गए

  • घर से एक सुसाइड नोट मिला जिसमें बैंकों का ज़िक्र था

पड़ोसियों के अनुसार:
शशिभूषण कुछ समय से बहुत तनाव में थे। कई बार उन्होंने कहा था कि “अब कुछ नहीं बचा।” उनकी दुकान भी आर्थिक दबाव के चलते लंबे समय से बंद थी।


⚠️ सामाजिक संदेश:

यह दुखद घटना बताती है कि वित्तीय संकट और बैंकिंग सिस्टम का दबाव किस तरह मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक जीवन को खत्म कर सकता है। सरकार और बैंकों को चाहिए कि कर्जदारों के लिए काउंसलिंग और राहत के विकल्प हों, ताकि किसी को ऐसा चरम कदम न उठाना पड़े।

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