Sunak का Goldman Sachs में रिटर्न
8 जुलाई 2025 को, पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री Rishi Sunak को Goldman Sachs में Senior Adviser के रूप में नियुक्त किया गया है। यह उनका पहली बार है जब वे सार्वजनिक पद छोड़ने के बाद मुख्य भूमिका में शामिल हुए हैं
भूमिका और प्रतिबंध
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Sunak को आर्थिक और भू‑राजनीतिक मामलों पर सलाह देने के लिए शामिल किया गया है ।
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Acoba (Advisory Committee on Business Appointments) द्वारा उन पर एक वर्ष तक सरकार से लॉबिंग प्रतिबंध लगाया गया है, और उनके वेतन का दान Richmond Project नामक उनकी चैरिटी को दिया जाएगा
एक्टिविटीज़ के मेल
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Sunak द्वारा इस वर्ष जनवरी में Oxford और Stanford में विजिटिंग फेलोशिप ली गई थी, और Richmond Project नामक चैरिटी लॉन्च की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य न्यूमेरसी (गणितीय साक्षरता) को बढ़ावा देना है
परिचय
🧑💼 कौन हैं ऋषि सुनक?
🏦 अब क्या कर रहे हैं सुनक?
✔️ Goldman Sachs में नई भूमिका
🛑 ACOBA का क्या मतलब?
उनके अनुसार:
ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वजह राजनीति नहीं, बल्कि वैश्विक वित्तीय संस्था Goldman Sachs है। सुनक को जुलाई 2025 में गोल्डमैन सैक्स का सीनियर एडवाइजर नियुक्त किया गया है। यह कदम राजनीति छोड़ने के बाद उनकी पहली बड़ी व्यावसायिक भूमिका है।
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जन्म: 12 मई 1980, साउथैम्प्टन, UK
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शिक्षा: ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से PPE और स्टैनफोर्ड से MBA
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करियर: निवेश बैंकिंग → ब्रिटिश संसद → वित्त मंत्री → ब्रिटेन के प्रधानमंत्री (2022–2024)
जन्म: 12 मई 1980, साउथैम्प्टन, UK
शिक्षा: ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से PPE और स्टैनफोर्ड से MBA
करियर: निवेश बैंकिंग → ब्रिटिश संसद → वित्त मंत्री → ब्रिटेन के प्रधानमंत्री (2022–2024)
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नियुक्ति: Senior Advisor
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ज़िम्मेदारी: ग्लोबल क्लाइंट्स को आर्थिक, वित्तीय और भू-राजनीतिक सलाह देना
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खास बात: सुनक की नियुक्ति UK की सरकारी मंज़ूरी (ACOBA) से पास होकर हुई है।
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उनका वेतन सुनक ने अपनी चैरिटी Richmond Project को दान देने का फैसला किया है।
नियुक्ति: Senior Advisor
ज़िम्मेदारी: ग्लोबल क्लाइंट्स को आर्थिक, वित्तीय और भू-राजनीतिक सलाह देना
खास बात: सुनक की नियुक्ति UK की सरकारी मंज़ूरी (ACOBA) से पास होकर हुई है।
उनका वेतन सुनक ने अपनी चैरिटी Richmond Project को दान देने का फैसला किया है।
ACOBA (Advisory Committee on Business Appointments) ब्रिटेन में पूर्व मंत्रियों की नई जॉब्स पर नज़र रखने वाली संस्था है।
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सुनक एक साल तक किसी सरकारी संस्था के लिए लॉबिंग नहीं कर सकते।
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यह नियम इसलिए बनाया गया है ताकि कोई व्यक्ति अपने पूर्व पद का दुरुपयोग न कर सके।
सुनक एक साल तक किसी सरकारी संस्था के लिए लॉबिंग नहीं कर सकते।
यह नियम इसलिए बनाया गया है ताकि कोई व्यक्ति अपने पूर्व पद का दुरुपयोग न कर सके।
📊 सुनक का अब तक का करियर सफर
वर्ष पद/भूमिका 2001–2004 गोल्डमैन सैक्स में एनालिस्ट 2015 सांसद बने (कंजरवेटिव पार्टी) 2020–2022 यूके के वित्त मंत्री (Chancellor) 2022–2024 ब्रिटेन के प्रधानमंत्री 2025 ऑक्सफोर्ड और स्टैनफोर्ड में विज़िटिंग फेलो जुलाई 2025 गोल्डमैन सैक्स में सलाहकार बने
वर्ष | पद/भूमिका |
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2001–2004 | गोल्डमैन सैक्स में एनालिस्ट |
2015 | सांसद बने (कंजरवेटिव पार्टी) |
2020–2022 | यूके के वित्त मंत्री (Chancellor) |
2022–2024 | ब्रिटेन के प्रधानमंत्री |
2025 | ऑक्सफोर्ड और स्टैनफोर्ड में विज़िटिंग फेलो |
जुलाई 2025 | गोल्डमैन सैक्स में सलाहकार बने |
Sunak × Goldman Sachs – क्यों यह अहम है?
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राजनीती × वित्तीय गहराई
Sunak का सफर—from Chancellor & PM to finance—अब उन अनुभवों को Goldman Sachs के वैश्विक क्लाइंट बेस के लिए उपयोग में ला रहा है । -
Post‑Brexit रणनीतियाँ
उन्होंने Edinburgh Reforms को प्रोत्साहित किया जिससे UK वित्तीय बाजारों में नए बदलाव आए। इस अनुभव का इस्तेमाल वह क्लाइंट्स के लिए रणनीतिक सलाह देने में करेंगे । -
भरोसेमंद और पारदर्शी
Acoba की शर्तों के साथ—1 साल तक लॉबिंग पर पाबंदी और वेतन का दान—उनके कार्य को नैतिक और पारदर्शी बनाए जाने की कोशिश दिखाई दे रही है । -
सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर लोग मज़ाकिया टिप्पणी कर रहे हैं—“क्या Sunak 70 घंटे हफ्ता काम करेगा?”—और Times of India ने पूछा कि “उन्होंने Infosys क्यों नहीं चूना?” । यह दर्शाता है कि आम लोग उनकी भूमिका और संबंधों पर गौर कर रहे हैं।
📊 Sunak का करियर पथ
समय | भूमिका |
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2000–04 | Goldman Sachs में इंटर्न और एनालिस्ट |
2015 | Conservative MP (Richmond) |
2020–22 | Chancellor of Exchequer |
Oct 2022–Jul 2024 | UK Prime Minister |
Jan 2025 | Oxford & Stanford Fellowships |
Mar 2025 | Richmond Project की स्थापना |
Jul 2025 | Goldman Sachs Senior Adviser |
🏁 आगे का रास्ता
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