जगदीप धनखड़: भारत के उपराष्ट्रपति का जीवन, करियर और योगदान

 







जगदीप धनखड़: भारत के उपराष्ट्रपति का जीवन, करियर और योगदान

भारत के वर्तमान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ न केवल एक अनुभवी वकील हैं, बल्कि राजनीति और प्रशासन में उनका व्यापक अनुभव उन्हें एक सशक्त नेतृत्वकर्ता बनाता है। इस लेख में हम जानेंगे उनका प्रारंभिक जीवन, शिक्षा, राजनीतिक सफर और उपराष्ट्रपति बनने तक की यात्रा।


🏫 प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

जगदीप धनखड़ का जन्म 18 मई 1951 को राजस्थान के झुंझुनू जिले के किठाना गांव में हुआ था। वे एक साधारण किसान परिवार से आते हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल में हुई, इसके बाद उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर से साइंस और लॉ की पढ़ाई की।


⚖️ कानूनी करियर की शुरुआत

धनखड़ ने अपने करियर की शुरुआत एक वकील के रूप में की। वे राजस्थान हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों में सक्रिय रहे। वे संवैधानिक, प्रशासनिक और चुनावी कानूनों के विशेषज्ञ माने जाते हैं। 1989 में उन्हें सीनियर एडवोकेट का दर्जा प्राप्त हुआ।


🗳️ राजनीतिक करियर

1989 में राजनीति में कदम रखते ही वे झुंझुनू से लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बने। वे जनता दल की सरकार में पर्यटन और संसदीय कार्य मंत्रालय में केंद्रीय राज्यमंत्री रहे। बाद में वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए और निरंतर सक्रिय रहे।


🏛️ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल

30 जुलाई 2019 को जगदीप धनखड़ को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया। उनके कार्यकाल में ममता बनर्जी सरकार के साथ उनकी कई बार तीखी टकराहट भी देखने को मिली। उन्होंने संविधान की रक्षा करते हुए कई बार सख्त रुख अपनाया।


🇮🇳 भारत के उपराष्ट्रपति

साल 2022 में एनडीए ने उन्हें उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया। उन्होंने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराकर 6 अगस्त 2022 को भारत के 14वें उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली। उपराष्ट्रपति के तौर पर वे राज्यसभा के सभापति की भूमिका भी निभा रहे हैं।


👤 व्यक्तित्व और विचारधारा

धनखड़ को एक अनुशासित, स्पष्टवक्ता और संविधान-प्रिय नेता के रूप में जाना जाता है। वे कानून के जानकार हैं और देश की संवैधानिक गरिमा को बनाए रखने में विश्वास रखते हैं। उनकी सोच में राष्ट्रहित सर्वोपरि है।


🔎 एक नजर में - प्रमुख जानकारी

  • पूरा नाम: जगदीप धनखड़

  • जन्म: 18 मई 1951, किठाना, झुंझुनू (राजस्थान)

  • शिक्षा: साइंस व लॉ - राजस्थान विश्वविद्यालय

  • राजनीतिक पार्टी: भारतीय जनता पार्टी

  • पहली बार सांसद: 1989 (झुंझुनू से)

  • राज्यपाल: पश्चिम बंगाल (2019–2022)

  • उपराष्ट्रपति बने: 6 अगस्त 2022

  • वर्तमान पद: भारत के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति




🧭 निष्कर्ष

जगदीप धनखड़ जी की कहानी एक किसान परिवार से निकलकर भारत के दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंचने की प्रेरणादायक यात्रा है। उनके अनुभव, विचारशीलता और संविधान के प्रति सम्मान उन्हें एक आदर्श जनसेवक बनाते हैं।

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