नई दिल्ली, 30 जून 2025
पूर्व IPL चेयरमैन ललित मोदी को सुप्रीम कोर्ट से एक और बड़ा झटका मिला है। ₹10.65 करोड़ के जुर्माने को लेकर की गई याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मोदी इस मामले में सिविल कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं, लेकिन बीसीसीआई पर कोई सीधा आदेश नहीं दिया जा सकता।
⚖️ पूरा मामला क्या है?
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साल 2009 में IPL का आयोजन दक्षिण अफ्रीका में हुआ था।
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FEMA (Foreign Exchange Management Act) के उल्लंघन के आरोप में ED ने ललित मोदी पर ₹10.65 करोड़ का जुर्माना लगाया था।
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ललित मोदी ने दलील दी थी कि उन्होंने जो भी कार्य किए, वह IPL चेयरमैन और BCCI के उपाध्यक्ष के नाते किए, इसलिए यह जुर्माना BCCI को भरना चाहिए।
📋 क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
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जस्टिस पी.एस. नरसिंहा और जस्टिस आर. महादेवन की बेंच ने कहा कि यह याचिका “जवाब लायक नहीं” है।
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कोर्ट ने सुझाव दिया कि सिविल कोर्ट में केस दायर किया जा सकता है, लेकिन BCCI पर सीधा आदेश नहीं दिया जाएगा।
🔎 महत्वपूर्ण तथ्य:
📌 मोदी की दलील:
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BCCI अपने अधिकारियों को कार्यकाल के दौरान हुए नुकसान की भरपाई करता है।
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BCCI ने पहले एन. श्रीनिवासन और एम.पी. पंडोव को इसी तरह राहत दी थी।
📌 हाईकोर्ट की टिप्पणी:
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बॉम्बे हाईकोर्ट ने दिसंबर 2024 में मोदी की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि यह जुर्माना व्यक्तिगत है और उसे मोदी को ही भरना होगा।
📌 कोर्ट का रुख:
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BCCI संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत 'राज्य' नहीं है, इस कारण उस पर रिट याचिका लागू नहीं होती।
🚫 मोदी पर पहले ही आजीवन प्रतिबंध:
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2010 में IPL सीजन के बाद आर्थिक गड़बड़ी, ऑक्शन फिक्सिंग जैसे मामलों में उन्हें BCCI ने निलंबित कर दिया था।
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जांच के बाद 2013 में आजीवन प्रतिबंध लगाया गया।
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